आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नौकरी पर संकट.
छंटनी हुई तो 434 कर्मचारी हो सकते हैं बेरोजगार
रायबरेली। जिले में बिजली उपकेंद्रों पर तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। वजह इन कर्मचारियों को रखने के लिए एक जनवरी 2025 से नया टेंडर निकाला गया है। जिस तरह से टेंडर निकाला गया है, उससे 434 कर्मचारियों की छंटनी हो सकती है। अभी तक जिले में 54 विद्युत उपकेंद्रों पर 1150 कर्मचारियों की तैनाती थी।
किसी उपकेंद्र पर 23 तो किसी उपकेंद्र में अधिकतम 27 कर्मचारी काम करते हैं। नए टेंडर के हिसाब से शहर के सात उपकेंद्रों पर 129 कर्मचारी रखे जाएंगे, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 47 उपकेंद्रों पर 587 कर्मचारी रखे जाएंगे। यदि इस हिसाब से कर्मचारी रखे गए तो 434 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। अधीक्षण अभियंता मुकेश कुमार ने सभी अधिशासी अभियंताओं को पत्र भेजकर टेंडर के हिसाब से कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
चमराएगी बिजली व्यवस्था
जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुनिश्चित कराने में 1150 कर्मचारी भी नाकाफी है। यही वजह है कि गर्मी, बरसात में बिजली की मांग बढ़ने पर फॉल्ट आने पर कई-कई दिनों तक बिजली गुल रहती है। यदि कर्मचारियों की छंटनी हुई, तो बिजली व्यवस्था बेपटरी हो जाएगी। इसका खामियाजा जिले के पांच लाख उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।
छंटनी हुई तो करेंगे कार्य बहिष्कार
रायबरेली। उपकेंद्रों में कोई कर्मचारी 10 तो कोई 30 साल से काम कर रहा है। इनका उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके विरोध में 17 जनवरी को लखनऊ में सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। यदि बात नहीं बनी तो 18 जनवरी को जिले में धरना प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
-धर्मेंद्र कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष निविदा कर्मचारी संघ
आपूर्ति व कार्य होंगे प्रभावित
जिस हिसाब से नई एजेंसी को टेंडर किया गया है। उस हिसाब से यदि कर्मचारी रखे गए, तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था के साथ-साथ विभागीय कार्य भी प्रभावित होंगे।
-जय प्रकाश पटेल, अध्यक्ष राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन
If there are retrenchments, 434 employees may become unemployed