UP Politics : जज सूरज मिश्रा ने की 10 दिन की रिमांड मंजूर, लेकिन दीक्षित को कस्टडी में प्रताड़ित न करें पुलिस।


सूरज मिश्रा की कोर्ट ने कहा भू-माफिया अविनाश दीक्षित को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकती पुलिस। 

6AM न्यूज टाइम्स नेटवर्क , Published by : रविन्द्र यादव, 9415461079, Updated by: Thu, 15 Aug, 2024, 10:09 AM IST


6AM Kanpur : 14 अगस्त सुबह 10 बजे से 24 अगस्त की सुबह 10 बजे तक आरोपी अवनीश दीक्षित रिमांड पर रहेगा।

जज सूरज मिश्रा ने की 10 दिन की रिमांड मंजूर, साथ ही दीक्षित को कस्टडी में प्रताड़ित न करने के लिए पुलिस को दिया आदेश। 

खामोश रहे कानून बिना भेद-भाव के अपना काम कर रहा है। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा के आदेशानुसार पुलिस डकैती, लूटपाट, महिलाओं से छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार तथा दर्जनों मुकदमे के आरोपी गैंगस्टर, भू-माफिया अविनाश दीक्षित से पूछताछ के दौरान शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकती पुलिस। 

 

सिविल लाइंस स्थित करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जे के प्रयास के दौरान डकैती मामले में जेल में बंद आरोपी अवनीश दीक्षित की दस दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई है। रिमांड अवधि 14 अगस्त की सुबह 10 बजे से शुरू होकर 24 अगस्त की सुबह 10 बजे तक रहेगी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा ने आदेश दिया है कि उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। 

जेल से पुलिस रिमांड में जाने से पहले और जेल दाखिले से पहले अवनीश का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। रिमांड के दौरान यदि उनके अधिवक्ता मौजूद रहना चाहते हैं, तो उचित दूरी बनाकर रह सकते हैं।


जमीन कब्जाने के प्रयास मामले में अवनीश पर डकैती का मामला भी दर्ज किया गया था। लूट के माल की बरामद करने और पूछताछ के लिए विवेचक कोतवाली थाना प्रभारी संतोष कुमार शुक्ला ने पांच अगस्त को सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर अवनीश की 15 दिन की रिमांड मांगी थी। प्रार्थना पत्र में कहा था कि 28 जुलाई को जेल में जाकर अवनीश के बयान दर्ज किए गए थे। इसमें उसने लूटी गई सोने की चेन, रीना सिंह के हाईस्कूल का अंकपत्र व अन्य दस्तावेज आदि को मैरी ए मैरीमेन स्कूल परिसर में ही छिपा देने की बात कही थी। पुलिस ने स्कूल परिसर में काफी तलाश की, लेकिन सामान की बरामद नहीं हो सकी है।


अगले दिन छह अगस्त को एक और प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें कहा गया कि अवनीश ने बयान में अपना मोबाइल फोन पत्नी को देने की बात कही थी। इसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। अवनीश के पत्नी से मोबाइल मांगा गया, लेकिन नहीं मिला। मोबाइल फोन से ही अवनीश के सिंडीकेट और उसमें शामिल लोगों का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए गहन पूछताछ की जरूरत है। 

अवनीश के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित की ओर से आपत्ति जताई गई और कोर्ट के सामने अवनीश के बयान दर्ज कराने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे साबित हो कि अवनीश किसी संगठित गिरोह के सदस्य हैं और न ही उनके बैंक खातों में कोई गलत लेनदेन हुआ है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि आपराधिक साजिश का खुलासा करने, सामान की बरामदगी और सिंडीकेट में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए अवनीश की रिमांड आवश्यक है। इसलिए कोर्ट ने उसे दस दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजने के निर्देश दे दिए।


 


चश्मदीद गवाहों के बयान को बनाया आधार

चश्मदीद गवाह नीरू सिंह ने बयान में अवनीश व उसके साथी संदीप द्वारा मैरी ए मैरीमैन परिसर का ताला तोड़ने, उसमें रखी डीवीआर, महत्वपूर्ण कागजात व कीमती सामान उठा ले जाने की बात कही है। उसकी बहन रीना सिंह ने सोने की चेन, 10 हजार रुपये, हाईस्कूल का अंकपत्र व डीवीआर लूटने की बात कही है। रीना सिंह ने अवनीश व संदीप पर छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है।


 


मुकदमों व संपत्ति की देखरेख के लिए मुख्तारआम

केस डायरी में विवेचक ने इस तथ्य का भी खुलासा किया है कि अवनीश दीक्षित के पक्ष में जो मुख्तारआम किया गया था। वह यूनाइटेड फेलोशिप फॉर क्रिश्चियन सर्विस के एक्जीक्यूटिव सचिव की हैसियत से हरेंद्र कुमार मसीह ने किया था। इसमें अवनीश को मैरी ए मैरीमैन स्कूल की संपत्ति के संबंध में सिविल न्यायालय में लंबित मुकदमों की देखरेख, संपत्ति की उचित देखभाल, मरम्मत और उसमें गैर कानूनी तरीके से काबिज लोगों को कानूनी तरीके से बेदखल करने के अधिकार दिए गए थे।


इसलिए ली गई रिमांड : लूटी गई सोने की चेन, दस्तावेज, डीवीआर आदि की बरामदगी। अवनीश के मोबाइल का भी पता लगाया जाएगा। ताकि अवनीश के पूरे सिंडीकेट का पता लगाया जा सके।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने