Fake Currency : जाली नोटों के तस्कर राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा गिरफ्तार।

 

नकली नोट छापने वाले राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा जाली नोटों के साथ गिरफ्तार, 

500 के नोट की 50 नकली गड्डी बरामद। 

6AM न्यूज टाइम्स नेटवर्क , Published by : रविन्द्र यादव, 9415461079, Updated by: Sun, 28 July , 2024, 11:26 AM IST


एसटीएफ की टीम ने नकली नोट छापने वाले राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा नामक दो तस्करों को लखनऊ से ग‍िरफ्तार क‍िया है। तस्‍करों के पास से 500 के नकली नोटों की 50 गड्डियां बरामद हुई हैं। गिरफ्तार तस्करों में राजस्थान के बीकानेर जिले के जसरा नोख नया गांव का रहने वाला राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा है। तस्कर नोटों की गड्डियां लेकर राजस्थान से कोलकाता जा रहे थे।

मुखबि‍र की सूचना पर एसटीएफ की टीम को मिली बड़ी कामयाबी। 

दो तस्करों को एसटीएफ की टीम ने लखनऊ से क‍िया गिरफ्तार। 

नोटों की गड्डियां लेकर राजस्थान से कोलकाता जा रहे थे राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा।

 नकली नोट छापने वाले राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा को एसटीएफ की टीम ने शनिवार रात गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से 500 के नकली नोटों की 50 गड्डियां बरामद हुई हैं। असली नोटों की गड्डियां लेकर दोगुणा नकली नोट देते थे। तस्कर नोटों की गड्डियां लेकर राजस्थान से कोलकाता जा रहे थे।


डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक कुमार सिंह के मुताबिक गिरफ्तार तस्करों में राजस्थान के बीकानेर जिले के जसरा नोख नया गांव का रहने वाला राम स्वरूप विश्वनोई और विष्णु शर्मा है। दोनों को मुखबिर की सूचना पर गुडंबा में स्कार्पियो क्लब के पास से गिरफ्तार किया गया है।


लोगों को धोखा देने में महारत हासिल है जालसाजो को 

पूछताछ में पता चला कि यह लोग सफेद चिकने पेपर पर कलर प्रिंटर के माध्यम से 500 रुपए के नोट तैयार करते हैं। उसकी गड्डी बनाते थे। ऊपर और नीचे असली नोट लगाते थे। बाकी गड्डी में सफेद पेपर नोटों के आकार का रहता था। सफेद पेपर पर नोट की तरह ही बार्डर बनाते थे, जिससे ऐसा लगता है कि अंदर भी नोट हैं। लोगों को विश्वास में लेने के लिए नोटों की गड्डियां बनाने के बाद उन पर बैंकों की फर्जी स्कैन की हुई स्पिल लगाते थे। उसके बाद बैंक के जैसे ही उस पर दिनांक और मुहर लगाकर बैंडल तैयार कर पन्नी से लेमिनेट कर देते थे।


जब क्लाइंट इनके पास नोट लेने के लिए आता था तो उससे आधी कीमत के असली लेकर नकदी देते और निकल जाते थे। इसके बाद अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर देते थे। गिरोह का सरगना दिल्ली का रहने वाला है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। गिरोह का नेटवर्क पश्चिम बंगाल, कोलकाता, राजस्थान, मध्यप्रदेश तक फैला है।


सरगना दिल्ली में, लालच देकर फंसाते थे ग्राहक 

इंस्पेक्टर हेमंत भूषण के मुताबिक गिरोह का सरगना दिल्ली का है। उसके बारे में जानकारी जुटाई जाती थी। वह अपने सदस्यों को नकली नोट लेकर पार्टी के पास भेजता था। सदस्यों से एक निश्चित स्थान बता वहां इंतजार करने को कहता था। इसके बाद जरूरतमंदों को भेजता था। सदस्यों के पास जरूरतमंद पार्टी का नंबर नहीं होता था। पार्टी खुद उन्हें फोन करके उस स्थान पर जाती थी। जरूरतमंद के पहुंचने पर तस्कर उन्हें नकली नोट का बैग देते और उनसे असली लेकर निकल लेते थे।




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